प्रश्न – गुरुदेव राधा-कृष्ण का मंत्र देते हैं | क्या इसका मतलब है कि मैं राधा-कृष्ण के मंदिर जा सकता हूँ और उनकी पूजा भी कर सकता हूँ?
उत्तर – गुरुदेव जब राधा-कृष्ण का मंत्र देते तब राधा से अर्थ है फीमेल-डिवाइन यानी कुन्डलिनी शक्ति एवं कृष्ण से अर्थ है मेल-डिवाइन यानी गुरु पद से जुड़ी परम शक्ति, अर्थात ब्रह्मांड की पुरुष शक्ति व कुन्डलिनी अर्थात मातृशक्ति | इसीलिए आज्ञाचक्र पर गुरुदेव का ध्यान करने से यानि गुरुपद से जुड़ी पुरुष-शक्ति का ध्यान करने से, कुन्डलिनी यानि मातृशक्ति ऊपर उठने लगती है | इसका मतलब आप वर्तमान राधा-कृष्ण के मंदिरों से ना लें | कई साधक गुरुदेव व दादा गुरुदेव के साथ राधा-कृष्ण के फोटो भी लगा लेते हैं, या राधा-कृष्ण के मंत्र को राधा-कृष्ण की पूजा करने के रूप में ले लेते हैं, तो फिर ऐसा करने वाले व अन्य मंदिरों की पूजा करने वालों में कोई अंतर नहीं रहेगा |