प्रश्न – मैं नियमित पूजा-पाठ (या नमाज़, प्रेयर) करता था पर मेरी इच्छाएं पूरी नहीं होती थी, लेकिन इस ध्यान को करने के बाद सब कुछ ठीक होने लगा, ऐसा क्यों? तो पहले क्या ऊपर वाले की शक्ति सुनती नहीं थी? इन गुरुदेव में या इस विधि में ऐसा क्या है जो सीधे पूजा से नहीं मिलता था?
उत्तर –प्रश्न बहुत गहरा है, आपने कभी सोचा कि एक छोटा बच्चा अपने पिता से जिद करके अपनी माँगे पूरी करवा लेता है या उसकी जिद देखकर पिता खुद ही उसकी डिमांड (मांग) पूरी कर देता हैं | पर जब हम अपनी किसी प्रार्थना को ऊपर वाले (परम पिता) से करते हैं तो वह पूरी क्यों नहीं होती? क्या ऊपर वाले में हमें देने की शक्ति नहीं है या फिर हमारी प्रार्थना ही ऊपर वाले तक नहीं पहुँच रही? अब ये तो है नहीं कि ऊपर वाले में देने की शक्ति नहीं है, हमारी प्रार्थना ही नहीं पहुंचती होंगी वरना ये कैसे सम्भव है कि ऊपर वाले (परम पिता) से हम कुछ मांगे और वो ना दे? मतलब हम उस ऊपर वाले की शक्ति से कनेक्ट नहीं हो पा रहे है; अब सवाल है कि ऊपर वाले की उस विशाल शक्ति से सम्पर्क कैसे करें?
आकाश से तूफानी बारिश में लाखों वोल्ट की बिजली गिरती है, पर उस बिजली से हम एक बल्ब भी नहीं जला सकते | लेकिन वही लाखों वोल्ट जैसी बिजली पावर हॉउस (बिजली घर) से जब तारों के द्वारा हमारे घर तक आती है तो हम बल्ब जला सकते हैं | यानी लाखों वोल्ट की बिजली का अनियंत्रित रूप, तारों द्वारा नियंत्रित होकर प्रकाश देता है |
इसी प्रकार हम सीधे ईश्वर की विशाल शक्ति से सम्पर्क नहीं बना पाते और ना ही हम डायरेक्ट ईश्वरीय शक्ति झेल सकते हैं | तो गुरुदेव के ध्यान का तरीका, हमारे व ईश्वरीय शक्ति के बीच एक तार (सम्पर्क) की भांति कार्य करता है | यही कारण है कि पहले, पूजा पाठ से जो समस्याएं नहीं मिटती थी वे अब गुरुदेव के ध्यान के माध्यम से उसी ऊपर वाले द्वारा मिटने लगी हैं |