प्रश्न – जब भी मुसीबत आती है तब गुरुदेव के मन्त्र का नाम-जप करने से उस मुसीबत से छुटकारा मिल जाता है, पर ये समझ नहीं आता कि मुसीबत बार-बार क्यों आती है?
उत्तर – आपके प्रश्न में ही आपके इस प्रश्न का उत्तर छिपा है, आपने कभी सोचा है कि नाम-जप से मुसीबत मिट जाती है, लेकिन मुसीबत आती ही क्यों है? अगर आप नियमित नाम-जप व ध्यान करेंगे तो मुसीबत आएगी ही नहीं | आप इसको इस प्रकार समझ सकते हैं कि, जब आप गुरुदेव का नियमित नाम-जप व ध्यान करते हैं तो आपके चारों ओर एक प्रकार का सुरक्षा-घेरा बन जाता है, जो ध्यान व नाम-जप के साथ दिनोंदिन मजबूत होता जाता है एवं अधिकांश समस्याएं उस कवच के कारण परावर्तित (टकरा कर लौटना) हो जाती हैं और आप पूर्ण सुरक्षित रहते हैं | लेकिन अगर आप नाम-जप या ध्यान रोक देते हैं या अनियमित कर देते हैं तो वह सुरक्षा-घेरा धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है, उसमे छिद्र होने लगते हैं जिसके कारण आपको मुसीबतें प्रभावित करने लगतीं हैं | फिर आप परेशान होकर नाम-जप करने लगते हैं जिसके कारण आप उस मुसीबत से मुक्ति पा जाते हैं | अगर आप नियमित जाप करते रहें तो कवच कमजोर होगा ही नहीं | ओर जब कवच कमजोर नहीं होगा तो मुसीबतें असर ही नहीं करेंगी | कवच की कार्य-प्रणाली आप इस प्रकार समझ सकते हैं कि कई बार बीमारियाँ फैलती हैं लेकिन उन्हीं बीमारियों के बीच रहकर भी साधकों को बीमारी नहीं होती, और यदि होती भी है तो साधना की गहनता के आधार पर अतिशीघ्र ठीक हो जाती है | इस प्रकार अगर आप नियमित ध्यान एवं मंत्र-जाप करेंगे तो सुरक्षा-घेरा कमजोर ही नहीं होगा | मंत्र-जाप के कारण मुसीबत आएँगी ही नहीं और आएँगी भी तो आपके साधना की शक्ति के घेरे से टकरा कर वापस लौट जायेंगी |